क्या गोवा का नाम सुनते ही आपके मन में सिर्फ नारियल पेड़ और समुद्र तटों का ही ख्याल आता है? गोवा का एक अन्य ऐतिहासिक पहलु भी है जिसे आप वहां की गिरिजाघरों और स्मारकों में महसूस कर सकते हैं। लगभग 450 वर्षों तक पुर्तगाली साम्राज्य रहने के यहाँ अनेक गवाह मौजूद हैं। सबसे पहले आपको ले चलूँगा फोर्ट अगोड़ा (Fort Aguada)। फोर्ट मतलब किला और
अगोडा मतलब पानी। 17 वीं सदी में अरब सागर के सिंक्वेरियम तट पर बना यह किला मराठों और डचों से बचने के लिए मांडवी नदी के उद्गम पर ही बनवाया गया था। अभी भी यह अच्छी अवस्था में है और पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
गिरिजाघरों की बात अगर की जाय तो आईये ओल्ड गोवा में। 15वीं सदी में निर्मित संत कैथेड्रल चर्च एशिया का सबसे बड़ा चर्च है। इसी परिसर में एक पुरातत्व संग्रहालय भी है।



रोड के पार ही है बैसिलिका ऑफ़ बोम जीसस। यही पर संत ज़ेवियर का मक़बरा रखा गया है। यह जगह आपको जरूर आना चाहिए, बिलकुल साफ़ सुथरी और शांत।





बैसिलिका ऑफ़ बोम जीसस: जहाँ है संत ज़ेवियर की समाधि
ओल्ड गोवा से वापस लौटे वक्त रास्ते में और भी अनेक चर्च और मंदिर हैं जिनमे से कुछ है- माउ दे दिउस चर्च, शांति देवी दुर्गा मंदिर आदि।
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