जब भी हमें किसी एतिहासिक स्थल या अन्य किसी भी महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र पर जाना होता है, अक्सर हमारा सामना किसी न किसी छोटे-बड़े संग्रहालय से हो ही जाता है। एक अच्छा संग्रहालय मनुष्य जाति से जुड़े प्राचीन पहलुओं और धरोहरों को एक स्थान पर विरासत के रूप में सहेज कर रखने का कार्य करता है। संग्रहालयों में रखे जाने वाले वस्तुओं की कोई सीमा नहीं होती, वे कला, संस्कृति, विज्ञान, सभ्यताओं के अवशेष, इतिहास आदि इनमें से कुछ भी दर्शा सकते हैं। दुनिया भर में हजारों संग्रहालय सदियों से मनुष्य जाति के विरासत को संभाल कर रखे हुए हैं, मुख्यतः यूरोपीय देश इस मामले में काफी आगे हैं। हमारे देश में भी ढेर सारे ऐसे छोटे-बड़े संग्रहालय हैं, जिनमें कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं-
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Indian Museum, Kolkata |
(1) Indian Museum, Kolkata (इंडियन म्यूजियम, कोलकाता)
(2) National Museum, New Delhi (नेशनल म्यूजियम, नई दिल्ली)
(3) Patna Museum, Patna (पटना म्यूजियम, पटना)
(4) Prince of Wales Museum, Mumbai (प्रिंस ऑफ़ वेल्स म्यूजियम, मुंबई )
(5) Napier Museum, Thiruvananthapuram (नेपियर म्यूजियम, तिरुवनंतपुरम)
(6) Government Museum, Chennai (गवर्नमेंट म्यूजियम, चेन्नई)
(7) Salar Jung Museum, Hyderabad (सलार जंग म्यूजियम, हैदराबाद)
इन सबमें कोलकाता का इंडियन म्यूजियम सबसे पुराना और सबसे बड़ा है। यह कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके में बिलकुल जवाहर लाल नेहरु रोड के किनारे स्थित है और सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक खुला रहता है एवं टिकट दर 20 रूपये है।
यह छह भागों में बंटा हुआ है-
(1) Archeology Section (पुरातत्व प्रभाग)
(2) Art Section (कला प्रभाग)
(3) Anthropology Section (मानव शास्त्र प्रभाग)
(4) Geological Section (भूगर्भ प्रभाग)
(5) Zoological Section (जंतु प्रभाग)
(6) Botanical Section (वनस्पति प्रभाग)
प्रत्येक सेक्शन के अन्दर अलग-अलग कुल 35 गैलरीयां हैं, जिनमें एक लाख से ज्यादा वस्तुएं रखी गयीं हैं।
यहाँ अनेक प्रकार के मुग़ल पेंटिंग, आभूषण, जीवाश्म कंकाल, ममी, हथियार आदि रखे हुए हैं। इसे पश्चिम बंगाल के एशिएटिक सोसाइटी द्वारा सन 1814 में एक डेनिश वनस्पति वैज्ञानिक डॉ नेथिअल वाल्लीच की देख रेख में बनवाया गया था। क्या आपको पता है की इस संग्रहालय का सबसे बड़ा आकर्षण क्या है? इस संग्रहालय का सबसे बड़ा आकर्षण है मिस्र के विश्वविख्यात पिरामिडों से लाया गया चार हजार वर्ष पुराना एक ममी। ममी के बारे तो आपने सुना ही होगा,
जो मानव लाशों को विभिन्न रसायनों में लपेट कर बनाये जाते थे और आश्चर्य यह है की वे आज तक सुरक्षित हैं। कुछ प्राचीन जीवाश्म, उल्का पिंड के अवशेष, हाथी दांत, कंकाल आदि भी इस संग्रहालय के मुख्य आकर्षण माने जाते हैं।
उम्मीद है यह पोस्ट आपको जरुर पसंद आई होगी और कुछ अलग लगी होगी।
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राम जी पोस्ट और फ़ोटो दोनों बहुत अच्छी है ।
ReplyDeleteइसका हाल ही में नवीनीकरण हुआ है और हमारे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी आये थे , उद्धाटन के लिए ।
इसलिए में भी वहा एक रविवार को गया था पर मुझे निराश हुई वहा जाकर । क्योकि में नवीनीकरण से पहले भी जा चूका हु ।सो अब ये अजायबघर बस एक नाम का रह गया है । कई पुराणी चीजे ग़ायब हो चुकी है या हटा दी गयी है ।
जी हाँ ढेर सारी चीजें अभी गायब हैं. कुछ बाहर यूँ हीं पड़ी हुई भी हैं. इस एतिहासिक स्थल को संभाल कर रखा जाना चाहिए .
Deleteधन्यवाद किशनजी